मथुरा के पर्यटन स्थल

Apr 03,2021 08:27 AM posted by Admin

'मंदिरों की नगरी' के नाम से जाना जाने वाला मथुरा भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह शहर श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां के कलात्मक मंदिर यहां की ऐतिहासिक धरोहर हैं। आगरा यहां से 56 किलोमीटर दूर है, इसलिए आगरा भ्रमण के दौरान यहां घूमने का कार्यक्रम बनाया जा सकता है। यहां सैर करके एक ही दिन में आगरा वापस जाया जा सकता है। तो आइये जानते है, मथुरा के प्रसिद्ध के बारे में-  

मथुरा के पर्यटन स्थल - Tourist places in Mathura in hindi

श्रीकृष्ण जन्मभूमि, पागल बाबा का मंदिर, विक्रम घाट, द्वारकाधीश मंदिर, गीता मंदिर, शाही ईदगाह, संग्रहालय। 

मथुरा समीपवर्ती स्थल : बरसाना ( मथुरा से 50 किमी. दूर), नंदगांव (60 किमी.), गोकुल (15 किमी. दूर)।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि - Shri Krishna Janmasthan Tourist place

यह स्थान कटरा केशवदेव के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि यह स्थल राजा कंस का महल तथा कारागार था और भगवान श्रीकृष्ण का जन्म यहीं हुआ था। इस विशाल मंदिर के परिसर में राधा-कृष्ण मंदिर व श्रीमद्भगवद् भवन भी हैं।

पागल बाबा का मंदिर - Shri Pagal Baba Temple Tourist place

मथुरा-वृंदावन मार्ग पर ही मथुरा से लगभग 6 किमी. दूर स्थित पागल बाबा का मंदिर भी दर्शनीय है। यह मंदिर पांच मंजिला है। 

विश्राम घाट - Vishram Ghat Tourist place

यमुना के किनारे स्थित यह घाट श्रद्धालु पर्यटकों के लिए विशेष महत्त्व का है।

द्वारकाधीश मंदिर - Shree Dwarkadhish Tourist place

यह मंदिर असकुंडा घाट के पास स्थित है। अपनी कलात्मकता के लिए प्रसिद्ध यह मंदिर मथुरा नगरी के प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की दीवारों तथा खंभों पर किया गया शीशे का कार्य पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर देता है। 

गीता मंदिर - Geeta Mandir Tourist place

यह मंदिर अपनी भव्य नक्काशी तथा प्राचीन कथाओं के आधार पर बने चित्रों के लिए दर्शनीय है। इस मंदिर में 'गीता स्तंभ' पर समूची गीता उत्कीर्ण की गई है।

शाही ईदगाह - Shahi Mosque Eidgah Tourist place

कृष्ण भूमि के साथ ही बनी इस मस्जिद का निर्माण 17वीं सदी में किया गया था। इस मस्जिद की मीनारें मौजेक युक्त चमकीले रंगीन प्लास्टर से निर्मित हैं।

संग्रहालय - Museums Tourist place

यह संग्रहालय डेपियर पार्क में है। यहां पुरातात्त्विक महत्त्व की कई वस्तुएं संग्रहीत है| गुप्त एवं कुषाण युग की दुर्लभ कलाकृतियों के अलावा बौद्धकाल एवं पूर्ववर्ती काल की दुर्लभ वस्तुएं यहां देखी जा सकती हैं।

वृंदावन - Vrindavan Tourist place

वृंदावन श्रीकृष्ण व राधा का विहार-स्थल है। श्रीकृष्ण ने बांसुरी की तान पर मोहित गोपियों के साथ लीला की है। स्नान के लिए यमुना में उतरी गोपियों का चीरहरण भी इसी नगरी में किया था। यहां श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम गाथा से जुड़े 4000 से भी ज्यादा मंदिर हैं। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, सतयुग के राजा केदार की कन्या कमला के अंशरूप, तपस्विनी योगशास्त्र में विशारद वृंदा का तपस्या क्षेत्र होने के कारण यहां का नाम वृंदावन पड़ा। 

बांके बिहारी मंदिर - Banke Bihari Temple Tourist place

यह मंदिर मुख्य बाजार में स्थित है। इस मंदिर की भव्य मूर्तियां दर्शनीय हैं।

कृष्ण-बलराम मंदिर - Shri Shri Krishna Balram Temple Tourist place

अंग्रेजों के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस मुख्य मंदिर का निर्माण हरे कृष्ण सम्प्रदाय के लोगों द्वारा कराया गया है।

कांच का मंदिर - Kanch Mandir Tourist place

कांच की पच्चीकारी और सजावट के लिए प्रसिद्ध 'कांच का मंदिर' भी पर्यटकों के देखने योग्य स्थान है, जब मंदिर में रोशनियां जलती हैं तो इसकी सुंदरता विशेष रूप से देखने योग्य होती है।

टेढ़े खंभों का मंदिर - Tedhe khambho vala shahaji Tourist place

सफेद पत्थर का बना यह मंदिर अपने लहरदार टेढ़े खम्भों के लिए विख्यात है। 

निधिवन - Nidhivan Tourist place

निधिवन में स्वामी हरिदास की समाधि है। यहां लचकदार वृक्षों की काफी सुंदर पट हा समाधि पर प्रतिवर्ष अखिल भारतीय संगीत का कार्यक्रम भी होता है।

गोविंद मंदिर - Govind Mandir Tourist place

यह मंदिर दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित है। कहा जाता है कि पहले इस इस मंदिर की पांच मंजिलें थीं, जिसकी 2 मंजिलें टूट चुकी हैं।

रंगजी मंदिर - Shri Rang Nath Ji Temple Tourist place

दक्षिण एवं उत्तर भारतीय शैली में निर्मित यह मंदिर गोविंद मंदिर के पास स्थित है।

अन्य दर्शनीय स्थल (मथुरा) :
बरसाना - मथुरा से लगभग 50 किलोमीटर दूर है।
नंदगांव - मथुरा से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 
गोकुल - मथुरा से मात्र 15 किलोमीटर दूर है।