जम्मू समुद्र-तल से 305 मीटर की ऊंचाई पर बसा जम्मू शहर तवी नदी के खूबसूरत किनारों पर फैला हुआ है। यहां अनेक मंदिर हैं, इसलिए इसे ‘मंदिरों की नगरी' भी कहा जाता है। अनेक जातियों, संस्कृतियों व भाषाओं का संगम बना यह नगर अपनी विशिष्टताओं के कारण देशी-विदेशी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इस शहर का नाम इसके निर्माणकर्ता 'जम्बूलोचन' के नाम पर पड़ा था, जो बाद में बिगड़कर जम्मू हो गया। यहां प्रतिवर्ष धार्मिक स्थल वैष्णों देवी जाने के लिए लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री आते हैं। यह शहर व्यापार का एक प्रमुख केंद्र भी है।
जम्मू-कश्मीर में घूमने वाली जगह - Tourist places in Jammu Kashmir in hindi
रघुनाथ मंदिर, रणवीरेश्वर मंदिर, पीर खो, डोगरा आर्ट गैलरी, अमर महल संग्रहालय, मुबारक मंडी, बाहु किला, रानी चाड़क महल, कुद, पटनी टॉप, सनासर घाटी, बटोट. शुद्धमहादेव, मानतलाई, अखनूर, झज्जर कोटली, शिवखोडी, मानसर झील, सुनिरसर झील, रामनगर और वैष्णो देवी
समीपवर्ती पर्यटन स्थल : पहलगाम, सोनमर्ग, गुलमर्ग
पहलगाम - Pahalgam Tourist places
पहलगाम कश्मीर का सबसे खूबसूरत, शांत व मनमोहक पर्यटन स्थल है। श्रीनगर से इसकी दूरी 94 किलोमीटर है। समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 2,195 मीटर है। यहां चारों ओर प्राकृतिक छटा बिखरी हुई है। यहां का मुख्य आकर्षण शेषनाग झील और लिद्दर नदी है। यहां से 16 किलोमीटर की दूरी पर चंदनवाड़ी स्थित है, जहां से अमरनाथ के लिए यात्रा आरंभ होती है।
सोनमर्ग - Sonamarg Tourist places
सोनमर्ग को सोने की घाटी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसका पानी अपने में सोना समेटे हुए है, जो सब कुछ सोने जैसा कर देता है। यह श्रीनगर से 81 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा इसकी समुद्र-तल से ऊंचाई 2740 मीटर है। श्रीनगर से लेह जाते हुए सोनमर्ग कश्मीर क्षेत्र का अंतिम पड़ाव है, इसलिए इसे लद्दाख का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। कश्मीर के अन्य स्थानों की तरह यहां के पहाड़ भी बर्फ से ढके रहते हैं। यहां अक्टूबर से मार्च तक का मौसम सुहावना होता है।
गुलमर्ग - Gulmarg Tourist places
विश्व के प्रसिद्ध हिल स्टेशनों में प्रमुख गुलमर्ग श्रीनगर से 46 किलोमीटर दूर है,तथा समुद्र-तल से इसकी ऊंचाई 2730 मीटर है। सोनमर्ग को यदि सोने की घाटी कहा है, तो गुलमर्ग ‘फूलों की घाटी' के रूप में मशहूर है। सर्दियों के मौसम में यहां स्कीइंग करने का अपना ही मजा है। यहाँ के गोल्फ कोर्स विश्व के सबसे ऊंचे व हरे-भरे गोल्फ कोसो में एक है।
रघुनाथ मंदिर - Raghunath Mandir Tourist places
इस मंदिर का निर्माण महाराजा गुलाब सिंह ने सन् 1835 में आरंभ करवाया था, जिसे सन् 1860 में उनके पुत्र महाराजा रणवीर सिंह ने पूरा करवाया था। इस मंदिर की आंतरिक रूप से सज्जा में सोने की चद्दरों व पत्तियों का उपयोग किया गया है, जो पर्यटकों का मन मोह लेता है। देवी-देवताओं की कलात्मक व आकर्षक प्रतिमाओं से सबका मन मोह लेने वाला ऐतिहासिक रघुनाथ मंदिर
रणवीरेश्वर मंदिर - Ranveereshwar Mandir Tourist places
इस मंदिर का निर्माण सन् 1883 में महाराजा रणवीर सिंह द्वारा करवाया गया था। यह जम्मू का दूसरा प्रसिद्ध मंदिर है। इसकी ऊंचाई के आगे सारी इमारतें छोटी दिखाई पड़ती हैं। इस मंदिर में पत्थर की पट्टी पर शिवलिंग बने हुए हैं। इसी वजह से यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
पीर खो - Peer Kho Tourist places
यह स्थान एक प्राकृतिक शिवलिंग के कारण प्रसिद्ध है। शहर से इसकी दूरी लगभग 3.5 किलोमीटर है।
डोगरा आर्ट गैलरी - Dogra Art Museum Tourist places
डोगरा आर्ट गैलरी पहले नए सचिवालय के पास स्थित थी। अब इस गैलरी को पुराने सचिवालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। इस गैलरी में जम्मू तथा बसोहली पहाड़ी कला से संबंधित चीजें संग्रहित हैं।
अमर महल संग्रहालय - Amar Mahal Museum and Library Tourist places
यह महल तवी नदी के किनारे पहाड़ी पर स्थित है। इस महल का निर्माण फ्रेंच महल के नमूने के आधार पर किया गया है। यह महल अब एक संग्रहालय का रूप धारण कर चुका है। इस संग्रहालय का मुख्य आकर्षण महाराजा कर्णसिंह के परिवार से संबंधित महत्त्वपूर्ण चित्र, परिधान व अस्त्र-शस्त्र हैं। इस संग्रहालय में एक पुस्तकालय भी है, जो दर्शनीय है।
मुबारक मंडी - Mubarak Mandi Tourist places
मुबारक मंडी पुराने सचिवालय का असली नाम है। इस स्थान पर पहले राजाओं के महल हुआ करते थे। हालांकि इसके कुछ एक भाग गिर चुके हैं, फिर भी बचे हुए भाग आज भी अपनी उत्कृष्ट कलात्मकता के लिए जाने जाते हैं।
बाहु किला - Bahu Fort Tourist places
यह किला जम्मू से 4 किलोमीटर दूर तवी नदी के किनारे एक पहाड़ी पर स्थित है। इस किले का निर्माण महाराजा बाहुलोचन ने लगभग 3000 साल पहले करवाया था। यहां से सारे शहर का नजारा किया जा सकता है।
रानी चाड़क महल - Rani charak Tourist places
यह महल चार मंजिला है तथा तवी नदी के किनारे पर स्थित है। इस महल को नक्काशी किए गए पत्थरों से सजाया गया है। इस महल में चित्रकारी से परिपूर्ण झरोखे भी हैं।
कुद - Kud Tourist places
समुद्र-तल से 1738 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह आधुनिक सुविधाओं वाला एक हिल स्टेशन है। यहां साफ पानी के मनमोहक झरने हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
पटनी टॉप - Patnitop Tourist places
जम्मू से 108 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पटनी टॉप एक रमणीक, मनोहारी पर्यटन स्थल है। समुद्र-तल से इसकी ऊंचाई लगभग 2024 मीटर है। यहां साल-भर जमी रहने वाली बर्फ सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। भारत सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा यहां स्कीइंग पैराग्लाइडिंग तथा ट्रैकिंग की सुविधा भी उपलब्ध है।
सनासर घाटी - Sanaasar Ghati Tourist places
कटोरे के आकार की यह घाटी पटनी टॉप से 18 किलोमीटर दूर है। यहां पैराग्लाइडिंग व स्कीइंग की व्यवस्था है तथा मनमोहक गोल्फ मैदान भी है।
बटोट - Bathoth Tourist places
यह स्थल जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिनाव नदी के किनारे पर स्थित है। यह स्थान अपने घने वन व नैसर्गिक छटा के आकर्षण के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
शुद्धमहादेव - Sudh Mahadev Tourist places
यह स्थल जम्मू से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। समुद्र-तल से इसकी ऊंचाई लगभग 1,225 मीटर है। मनोहारी दृश्यों वाला यह स्थल पर्यटकों तथा तीर्थ यात्रियों को अपनी ओर इसलिए आकर्षित करता है, क्योंकि इस स्थल से शिव-पार्वती के जीवन से संबंधित कई दंतकथाएं जुड़ी हुई हैं
मानतलाई - Mantalai Tourist places
मानतलाई शुद्धमहादेव से 7 किलोमीटर की दूरी पर एक रमणीक स्थल है। यहां ट्रैकिंग की उत्तम व्यवस्था है, जिसकी वजह से सैलानी इस स्थल की ओर आकर्षित होते है ।
अखनूर - Akhnoor Tourist places
अखनूर वह कस्बा है, जहां महाराजा गुलाब सिंह का राजतिलक हुआ था। यह कस्बा चिनाव नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां अखनूर नाम से एक प्रसिद्ध किला है, जो देखने योग्य है।
झज्जर कोटली - Jhajjar Kotli Tourist places
यह एक खूबसूरत पिकनिक स्थल है। यहां बहता झरना और चूना पत्थर के आकर्षक पहाड़ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
शिवखोड़ी - Shiv Khori Tourist places
शिवखोड़ी जम्मू से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां एक बेहद खूबसूरत गुफा है, जिसमें एक शिवलिंग है। इस गुफा का प्रवेश द्वार बेहद तंग है, लेकिन भीतर करीब आधा किलोमीटर जाने पर एक खुला मैदान है, जहां सैकड़ों लोग एक साथ खड़े हो सकते हैं।
मानसर झील - Mansar Lake Tourist places
यह झील जम्मू से 65 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत पिकनिक स्थल है। यहां हर साल अप्रैल माह में मानसर मेला लगता है। यहां नौकायन की सुविधा भी है।
सुरिनसर झील - Surinsar Lake Tourist places
यह जम्मू से 42 किलोमीटर दूर एक बेहद ही खूबसूरत पिकनिक स्थल है। यहां पिकनिक मनाने का अपना अलग ही मजा है।
रामनगर - Ramnagar Tourist places
जम्मू से 102 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रामनगर भारत की सबसे पुरानी तहसील है। यहां कई किले देखने लायक हैं। पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से यहां का वातावरण बेहद लुभावना व स्वास्थ्यवर्द्धक है।
वैष्णो देवी - Vaishno Devi Tourist places
यह हिंदुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह कटरा नामक स्थान पर स्थित है। जम्म से इसकी दूरी लगभग 42 किलोमीटर है। यहां साल-भर भारी संख्या में श्रद्धालुजन माता वैष्णो देवी के दर्शन करने आते हैं। कटरा से माता वैष्णो देवी की गुफा लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ पर है। वैसे तो श्रद्धालुजन माता वैष्णो देवी के दर्शन पैदल चढ़ाई करके करना पसंद करते हैं, फिर भी यहां उन श्रद्धालुओं के लिए खच्चर व पिठू की सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो पैदल चढ़ाई करने में असमर्थ होते हैं।
जम्मू कैसे जाएं?
वायु मार्ग : जम्मू के लिए श्रीनगर, लेह, दिल्ली तथा मुंबई से विमान सुविधा उपलब्ध है।
रेल मार्ग : देश के सभी प्रमुख नगरों से जम्मू के लिए रेल सेवाएं उपलब्ध हैं। कश्मीर में किसी भी स्थान की यात्रा करने के लिए जम्मू ही एकमात्र रेलवे स्टेशन है।
जम्मू-कश्मीर कब जाएं?
वैसे तो आप जम्मू में घूमने का प्रोग्राम किसी भी महीने में बना सकते हैं, पर बरसात में घूमने-फिरने में आपको परेशानी हो सकती है, इसलिए बरसात के मौसम में वहां न जाना ही उचित है। कश्मीर आने वाले पर्यटकों के लिए जम्मू एक पड़ाव स्थल है। यहां पहुंचकर आप कश्मीर जाने से पहले ही वापसी का आरक्षण करवा लें, वरना बाद में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।