नवसुजित राज्य उत्तराखण्ड के 13 जनपदों में हरिद्वार एक है। प्राचीन समय में इस नगर को "मायापुरी" के नाम से जाना जाता था। ‘मंदिरों की नगरी' कहा जाने वाला यह शहर सचमुच मायापुरी ही जान पड़ता है। हरिद्वार उत्तराखण्ड के चारों धामों का प्रवेश द्वार है। धार्मिक स्थल होने के कारण यहां वर्ष-भर सैलानियों का तांता लगा रहता है। वास्तव में गंगा नदी के दाहिने तट पर बसा यह शहर विश्व-भर में एक धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में ख्याति पाए हुए है।
हरिद्वार के पर्यटन स्थल - Tourist places in Haridwar in Hindi
हर की पौड़ी, चंडी देवी मंदिर, ब्यूटी प्वाइंट, मनसा देवी मंदिर, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, दक्ष महादेव व सती कुंड कनखल, नीलधारा पक्षी विहार व चीला, भारत माता मंदिर, सप्त ऋषि एवं बी.एच.ई.एल.।
हर की पौड़ी - Har Ki Pauri Ghat Tourist Place
हरिद्वार के प्रमुख घाटों में हर की पैड़ी भी एक है। हिन्दुओं के विभिन्न धार्मिक उत्सवों पर इस घाट पर स्नान करने की पुरानी परम्परा रही है। कहा जाता है कि इस घाट पर बहती गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं। संध्या के समय यहां आरती के उपरांत जलते दीप गंगा में प्रवाहित किए जाते हैं, जिन्हें देखने का अपना ही मजा है।
चंडी देवी मंदिर - Chandi Devi Temple Tourist Place
यह मंदिर हर की पैड़ी से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नील पर्वत पर बने इस मंदिर तक रोपवे द्वारा भी पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर का निर्माण कश्मीर के महाराजा सुचात सिंह ने सन् 1929 में करवाया था। इस मंदिर से हरिद्वार और उसके आस-पास के इलाकों का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है।
ब्यूटी प्वाइंट - Beauty Point Tourist Place
यह ब्यूटी प्वाइंट हरिद्वार का एक खूबसूरत पिकनिक स्थल है। यह मनसा देवी मंदिर मार्ग पर स्थित है। यहां से भी हरिद्वार और उसके आस-पास के इलाकों की खूबसूरती को निहारा जा सकता है।
मनसा देवी मंदिर - Mansa Devi Temple Tourist Place
यह मंदिर बिलवा पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए पैदल मार्ग के साथ-साथ उड़न-खटोले (रोपवे ट्रॉली) की भी व्यवस्था है। इस मंदिर की अपनी धार्मिक महत्ता है। यहां साल-भर सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है।
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय - Gurukula Kangri Vishwavidyalaya Tourist Place
यह विश्वविद्यालय आर्य समाज के संस्थापक स्वामी श्रद्धानंदजी द्वारा स्थापित किया गया था। यह विश्वविद्यालय अपनी प्राचीन शिक्षा-पद्धति के लिए प्रसिद्ध है। यहां वेद मंदिर के अलावा एक म्यूजियम भी दर्शनीय है।
दक्ष महादेव व सती कुंड कनखल - Aarti Confectioners Tourist Place
दक्ष महादेव व सती कुंड हरिद्वार के 5 प्रमुख धार्मिक स्थलों में एक हैं। यह पावन स्थल हरिद्वार से मात्र 4 किलोमीटर दूर है। यहां दक्ष महादेव का प्राचीन मंदिर भारतवर्ष में प्रसिद्ध है।
नीलधारा पक्षी विहार व चीला - Neel Dhara Pakshi Vihar Tourist Place
नीलधारा पक्षी विहार सर्दियों के मौसम में विभिन्न प्रकार के पक्षियों से भरा रहता है। यहां आकर कई तरह के देशी-विदेशी पक्षियों को देखा जा सकता है। चीला एक रमणीक स्थल है, जो राजाजी नेशनल पार्क के अंतर्गत आता है। यहाँ वन्य जीवन को बेहद करीब से देखा जा सकता है। पर्यटक यहां आकर यहां के शांत वातावरण में खो-से जाते हैं।
भारत माता मंदिर - Bharat Mata Temple Tourist Place
यह बहुमंजिला मंदिर कई धर्मों का आस्था स्थल है। यहां देश की प्रमुख हस्तियों की आकर्षक मूर्तियां देखने योग्य हैं।
सप्तऋषि - Saptarishi Tourist Place
इस स्थान पर गंगा नदी कई छोटी-छोटी धाराओं में विभक्त होती है। यहाँ आने वाले लोग यहाँ का मनोहारी दृश्य देखते ही रह जाते हैं। हर की पैड़ी से इसकी दूरी मात्र 5 किलोमीटर है।
बी.एच.ई.एल. - B.H.E.L. Tourist Place
बी.एच.ई.एल. (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि.) की यह प्रसिद्ध फैक्ट्री हरिद्वार में केवल 6 किलोमीटर दूर है। इस फैक्ट्री में उच्चकोटि के विद्युत उपकरण, टरबाइन, जनरेटर व मोटर आदि विश्व मानकों के आधार पर तैयार किए जाते हैं। यहां लगभग 1000 कर्मचारी कार्य करते हैं।
हरिद्वार कैसे जाएं?
वायु मार्ग : निकटतम हवाई अड्डा हरिद्वार से 35 किलोमीटर दूर ‘जौली ग्रांट' में है।
रेल मार्ग : हरिद्वार देश के प्रमुख शहरों से रेल मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग : देश के मुख्य शहरों व समीपवर्ती प्रदेशों से हरिद्वार सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है दिल्ली, नैनीताल, शिमला, लखनऊ, रामनगर, देहरादून, मथुरा आदि शहरों से यहां के लिए नियमित बसें व टैक्सियां उपलब्ध रहती हैं।
हरिद्वार कब जाएं?
हरिद्वार घूमने के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर है