प्यार को प्यार दो-पंचतंत्र की कहानियां
Apr 05,2021 02:40 AM posted by Admin
एक देश में चित्ररथ नाम का एक राजा रहता था। उसका एक तालाब था जो सैनिकों द्वारा सुरक्षित था । उस तालाब में बहुत से सोने जैसे हंस रहते थे। वह छठे मास एक-एक पंख छोड़ा करते थे। कुछ दिन के पश्चात् वहां एक सोने के रंग का बड़ा पक्षी आया। उसे देखकर सब हंसों ने कहा कि आप हमारे बीच में न रहें, क्योंकि हर छठे महीने एक-एक सोने का पंख देकर हमने इसे खरीद लिया है।
इसी बात को लेकर उनमें झगड़ा हो गया। तब उस सोने के रंग वाले पक्षी ने राजा के पास जाकर कहा, “महाराज, ये पक्षी यह कहते हैं कि राजा हमारा क्या करेगा ? हम यहां पर किसी को नहीं रहने देंगे। हमने सोने के पंखों से इसे खरीद रखा है। इसलिए आपसे यही प्रार्थना है कि मुझे इंन्साफ राजा ने अपने सैनिकों से कहा कि तुम लोग इसी समय जाकर उन पक्षियों को मारकर ले आओ। राजा का आदेश सुनते ही सैनिक वहां से चल पड़े।
उन सैनिकों को अपनी ओर आते देखकर कर बूढ़े हंस ने कहा“भाई, अब हमारी खैर नहीं। अब यहां से भाग निकलो।" उन सब ने ऐसा ही किया और वहां से भाग निकले। इस प्रकार वे सारे के सारे वहां से उड़ गए।इसीलिए कहा गया है कि शरण आए को कभी मत ठुकराओ। कहा जाता है कि कपोत ने शरण में आए हुए शत्रु का भी यथायोग्य सत्कार किया और अन्त में अपने मांस से उसका पेट भरा "यह कैसे ?” कौवे ने पूछा। लो सुनो