देश-परदेश-पंचतंत्र की कहानियां
Apr 05,2021 06:15 AM posted by Admin
एक बार एक गांव में अकाल पड़ा तो वहां के पशु-पक्षी लोग बहुत चिंतित हो गए थे। इस हालत में एक कुत्ता अपना गांव छोड़कर दूसरे गांव की और भाग निकला। दूसरे गांव में जाकर उसे एक ऐसा घर नज़र आया जहां पर औरत अपने घर की रक्षा नहीं करती थी। बस इस अवसर को वरदान जान वह कुत्ता रोज़ ही उस घर में घुस जाता और बड़े मजे से खाने खाता रहता।बढ़िया खाने खाते-खाते वह कुत्ता काफी मोटा हो गया था, लेकिन उस बेचारे के साथ एक नई मुसीबत खड़ी हो गई, वह बेचारा जैसे ही खाना खाकर बाहर निकलता तो उसे दूसरे कुत्ते घेरकर काटने लगते ।
वह बेचारा बहुत दुःखी हुआ, आखिर उसे तंग आकर वह गांव छोड़कर फिर अपने ही गांव वापस आना पड़ा।जैसे ही वह परदेश से वापस आया तो दूसरे कुत्तों ने उससे आकर पूछा"भाई, ज़रा हमें दूसरे देश की बातें तो सुनाओ। आखिर वहां पर आपने क्या देखा-क्या पाया "अरे भाई, वहां तो अपने ही जाति से लोग मेरे शत्रु बन गए थे उससे तो अपना भूखा देश ही अच्छा था कम-से-कम लोग मारते-काटते तो नहीं थे।" इस तरह बन्दर की यह बातें सुन मगरमच्छ बहुत खुश हुआ और अपने घर की ओर चल पड़ा, उसने बन्दर की बताई राजनीति की शक्ति से अपने शत्रु को मार डाला और सुख से अपना जीवन व्यतीत करने लगा