बुजदिल राक्षस-पंचतंत्र की कहानियां

Apr 05,2021 07:30 AM posted by Admin

एक बार कश्मीर के राजा रामनाथ की लड़की के महल में एक राक्षस रोज़ाना ही आकर उसे तंग किया करता था । लड़की उस राक्षस से बहुत दुःखी थी किन्तु उस राक्षस से पीछा छुड़ाने का कोई रास्ता उसकी समझ में नहीं आ रहा था। एक बार एक और राक्षस उस लड़की के कमरे में घुस आया और एक कोने में छुपकर खड़ा हो गया। उसी समय वह लड़की अपने दासी से बातें कर रही थी कि किस तरह मैं इस राक्षस से पीछा छुड़वा सकती हूं। उस राक्षस ने जैसे ही उनके मुंह से यह बात सुनी तो समझ गया कि यहां पर कोई अन्य राक्षस भी आता है ।

मैं क्यों न छुपकर उसे देखू कि वह कौन राक्षस है  यही सोचकर वह घोड़े का रूप धारण कर उन घोड़ों के बीच में छुपकर खड़ा हो उस राक्षस की प्रतीक्षा करने लगा। इसी बीच एक घोड़ा चोर उन घोड़ों के कमरे में आ घुसा। उसने इस राक्षस रूपी मोटे-ताजे घोड़े को देखा तो बहुत खुश हो उस पर सवारी करके ले उड़ा। राक्षस ने समझा यह तो वही राक्षस होगा जो मेरी पीठ पर सवार हो गया है। यही सोचकर राक्षस तेज़ दौड़ने लगा। वह इतना तेज़ भागा कि चोर बेचारा डर गया कि कहीं मैं ही किसी राक्षस रूपी घोड़े परं तो नहीं बैठ गया।

इस तरह वह चोर एक वृक्ष के नीचे से गुजरते हुए उस वृक्ष की टहनियों को पकड़कर उस पर चढ़ गया। तभी दोनों ने ही समझ लिया कि अब तो जान बची। वह राक्षस तेज़ी से दौड़ा जा रहा था तो उसका एक मित्र बन्दर मिला। जिसने उसे इस तरह डरा देखकर कहा "अरे भाई ! तुम उस आदमी से हार गए जो तम्हारा शिकार है । जाआ जाकर उसे खा लो। चलो मैं तुम्हारे साथ चलता हूं।" जैसे ही बन्दर और राक्षस उस पेड़ पर पहंचे तो चोर ने बन्दर की दुम को पकड़ कर इतने ज़ोर से काटा कि बन्दर चीखें मारता हआ कहने लगा-“चलो भागो, वास्तव में ही यह कोई भयंकर राक्षस है । इस प्रकार वे दोनों वहां से भाग खड़े हुए।“इसलिए भाई मुझे जाने दो। अब तुम अपने लोभ की सजा पाओ। इसी लोभ और अहंकार से रावण भी मारा गया। अन्धा, कुबड़ा और तीन स्तनों वाली राजकन्या, ये तीनों अन्याय से पूर्वजन्म के कर्मानुसार ठीक हो गए। वह कहानी सुनो"सुनाओ..।"