मूर्ख लोमड़ी-दादी माँ की कहानी
Apr 06,2021 09:10 AM posted by Admin
एक लोमड़ी भोजन की तलाश में घूम रही थी। आधा दिन ढल चुका था, मगर उसे अच्छा भोजन न मिल सका। एक कछुआ तालाब से निकलकर किनारे पर बैठा दूप सेक रहा था। उसकी आँखें बंद थी।
दूर से लोमड़ी ने उसे देख लिआ और देखते ही उसके मुँह में पानी आ गया। उसने सोचा कि बहुत दिनों के बाद आज बढ़िया भोजन मिलेगा। यदि यह कछुआ हाथ आ जाए। तब दबे पांव जाकर उसने उस कछुए कोपकड़ लिया।
खतरा सिर पर आया देखकर कछुए ने अपने आपको अपने खोल में संट लिया। यह देखकर लोमड़ी उसे उठा-उठाकर पटकने लगी जिससे उसका खोल टूट जाए। मगर कछुए का खोल तो बड़ा मजबूत होता है। वह उसे तोड़ न सकी, तब वह उसे दाँतों से काटने लगी। मगर उसके दाँत भी इतने मजबूत न थे। कछुआ बड़ा चालाक और बुद्धिमान था। संकट के समय भी प्राणी को सूझ-बूझ से काम लेना चाहिए, ऐसा ही कछुए ने किया। उसने लोमड़ी से कहा-"मौसी! मेरा खोल बड़ा सख्त है, इसे नर्म करने के लिए पानी में डाल दो।" लोमड़ी को भी यह बात जंच गई और उसने बिना सोचे समझे कछुए को पानी में डाल दिया।पानी में जाते ही कछआ एक डबकी मारकर गायब हो गया और लोमड़ा हाथ मलती रह गई।