मित्रता-दादी माँ की कहानी

मित्रता-दादी माँ की कहानी

May 17,2021 02:27 PM posted by Admin

दो मित्र थे, एक का नाम राम था और दूसरे का नाम श्याम था। देखने में तो दोनों सुन्दर थे। राम गरीब था और श्याम धनवान था। उसे हमेशा ही धन की घमण्डी थी। परन्तु दोनों में घनी मित्रता थी। एक दिन की बात है राम और श्याम घूमने जंगल जा रहे थे। जब दोनों जंगल के बीचों-बीच पहुँच गए तभी उन्हें एक शेर ने घेर लिया। राम ने देखा कि शेर श्याम की तरफ कदम बढ़ा रहा है। तो वह पागल हो गया, उसे कोई उपाय नहीं सुझ नहीं रहा था कि क्या करें। तभी राम की नजर कंटीली झाड़ी पर पड़ी राम ने आहिस्ता से उस झाड़ी को उठाया और श्याम के आगे आ गया ज्योंही उसने राम को देखा तो वह दोहराता हआ छलांग मारा राम ने साहस के साथ उस कंटीली झाड़ी को शेर के मुँह में घुसेड़ दिया और शेर दर्द से कहारता रहा।

राम ने श्याम से कहा-चलो मित्र घर चलते हैं, श्याम ने कहा ठीक है। दोनों मित्र घर चले आए। एक बार श्याम ने कहा-ऐ मित्र देख तो उधर कितनी सुन्दर लड़की है, परन्तु राम ने कहा-नहीं दोस्त, ऐसा मत करो, वो भी किसी कि इज्जत है। श्याम राम के इस व्यवहार से खुश तो हुआ लेकिन उसे शर्मिन्दा हुई कि मैं धनवान हूँ लेकिन मैं समझता हूँ कि मैं गरीब हूँ। श्याम ने ये सभी बात अपने पिता को बताया। तो उसके पिता जी राम के इस व्यवहार से बहुत खुश हुए। इसलिए हमें किसी भी मनुष्य से मित्रता नहीं कर लेनी चाहिए। अच्छे मित्र भाई के समान होते हैं। अच्छे मित्र को माता, औषन्धी और भाई कहा गया है।