दीपक का अहंकार-दादी माँ की कहानी
Apr 07,2021 02:10 AM posted by Admin
एक व्यक्ति बाजार से एक दीपक खरीद कर लाया। अंधकार होने पर उसने रूई बत्ती और तेल डालकर दीपक जला दिया। उसकी तेज रोशनी से अंधकार दूर हो गया। यह देखकर नया दीपक बहुत इतराया और सोचने लगा-'मेरा प्रकाश तो सूर्य के प्रकाश से भी बढकर है।' इस प्रकार उसके मन में अहंकार आ गया। तभी हवा का एक तेज झौंका आया दीपक बुझ गया |अब उसे अपने गलती का अहसास हुआ और पलक झपकते अहंकार टूट गया। बोला-'सूर्य-सूर्य ही है। वह न बुझता है, न जलता है।मुझे तो हवा के एक झौंके ने ही बुझा दिया।