बौना की कहानी-दादी माँ की कहानी

बौना की कहानी-दादी माँ की कहानी

May 17,2021 10:55 AM posted by Admin

एक गरीब आदमी था, उसके पाँच लड़के थे। सबसे छोटा बेटा केवल तीन बिला लम्बा था। उसका नाम लोगों ने बोना रख दिया था। वह सात वर्ष का था। वह बोलता बहुत कम था। सभी भाईयों में वह बहुत होशियार था। । एक बार भारी अकाल पड़ा। बाप ने कहाँ । हम दिन भर मरते हैं, फिर भी सबका पेट नहीं भरता है। अब क्या करूं, मेरी मसझ में नहीं आ रहा है। ता माँ ने कहा-बच्चों को तो किसी तरह खिलाना पड़ेगा, अगर अब रात में भी कुछ मेहनत कर लिया करें। दोनों मिलकर दिन-रात मेहनत करने लगे, लेकिन चीजें इतनी महंगी थी कि सबको पेट भर खाना नहीं होता था। बाप ने कहा-हमारे सामने हमारे बच्चे भूख से मर जाये, इससे तो अच्छा है हम इन्हें जंगल में छोड़ आये। माँ ने कहा-चाहे मैं मर जाऊं पर बच्चों को अलग नहीं कर सकती। माँ बेचारी रात भर रोती रही। दूसरे दिन वह सबेरे उठा और नदी किनारे चला गया। जब बौना लौट कर आया तो उसके माँ-बाप बालबेटा चलो जंगल में लकड़ी बंटोरने चलते हैं। जब माँ बाप उसको लेकर खूप घने जंगल में पहुंचे और बाप लकडियां काटने लगा और बच्चे लकाका बटोरने लगे। मौका पाकर बच्चों की आँख बचाकर माँ-बाप वहा सा निकले और उनको वहीं छोड़ दिया। जब लडको को मालूम हुआ कि

माँ बाप उन्हें जंगलमें छोड़कर भाग गये, तब वे रोने लगे। लेकिन बौना चुपचाप बैठा था। बौना बोला-रोते क्यों हो? आओ मेरे पीछे-पीछे। बौना आगे-आगे चलने लगा। क्योंकि वह रास्ते में सफेद कंकड़ सभी जगह बिछा दिया था। उसी के सहारे वह घर आ गया। जब बौना ने किबाड़ के दरार से देखा तो उसकी माँ बैठी भात पका रही थी और रो भी रही थी।बौना ने किवाड़ को पीटा और बोला-माँ हम लोग आ गए। माँ ने दौड़कर बच्चों को गले से लगा लिया और सब को थोड़ा-थोड़ा भात खाने को दिया। माँ ने बौना को सबसे अधिक प्यार किये ? सबको थोड़ा-थोड़ा भात खाने को दिया। दो-तीन दिन तो आराम से कट गए परन्तु अब उन्हें कठिनाई होने लगी फिर वे सबको जंगल में ले जाकर छोड़ दिया। सभी भाई माँ-बाप को जंगल में खोजने लगे परन्तु उन्हें कहीं भी न मिला और बौना ने रास्ते में जो रबड़ियाँ बिछाई थी,

उसको तो कौए खा गए। अब बौना भी कुछ घबड़ाया और उसने कहा-हम लोग सचमुच में फँस गये, लेकिन धीरज रखो। चलो रात बिताने के लिए जंगल में कोई घर तलाश करें। सब घर की खोज में एक ओर चल पड़े। चलते-चलते सांझ हो गई परन्तु घर कहीं भी न मिला। तभी बौना ने एक उपाय किया। बौना तुरन्त पेड़ पर चढ़ा उसने देखा की कुछ दूर पर रोशनी दिखाई दी। बौना पेड़ से उतर कर अपने भाईयों को उसी ओर ले चला। जल्दी ही उन्हें एक घर दिखाई दिया।इस घर में राक्षस और राक्षसी रहते थे। बौना ने दरवाजा खटखटाया राक्षसी बाहर निकल आई। उसने लड़के को कहा-लड़को भाग जाओ।बौना ने कहा-हमें अन्दर छिपा दो। जिससे राक्षस जानने न पाये की हम यहाँ हैं। राक्षसी को दया आ गई। उसने सबको भीतर कर लिया। इतने में ही बाहर से किसी ने दरवाजा खटखटाया। राक्षसी ने कहा-लड़को! राक्षस आ गया है। जाकर उस कोने में बैठ जाओ। राक्षसी जाकर दरवाजा खोला और राक्षस अन्दर आते बोले-खाना लाओ। फिर बोला यहाँ पर किसी मनुष्य का गंध आ रहा है। राक्षसी बोली-किसी भेड़ का गंध होगा। राक्षस बोला-तुम मुझे हमेशा ठगती रहती हो और खोजने लगा।

उसने देखा कि पाँच लड़के कोने में छुपे हैं। तभी बौना राक्षस के पैर पर गिर पड़ा और बोला-हम लोग गरीब के बेटे हैं। हमें मत मारो। राक्षस बोला-गरीब के हो चाहे अमीर के हमेंउससे क्या मतलब है ? और राक्षस जाकर अपना चाक तेज कर बौना हँसते हुए कहा-हमारे शरीर में माँस ही नहीं। तो क्या में मजा आएगा। तभी राक्षस बोला-इसे खूब खिलाओ पिला हो जाए तो हमें कह देना। रात में राक्षसी सभी बच्चे को सला बौना जगा ही रहता था। जब राक्षस का नाक बजने लगा तब बौना और सभी भाईयों को जगा दिया और खिड़की की राह से भाग गए। जब तक सुबह होता तब तक वह सब कई मील दूर एक चट्टान के नीचे बैठ गए। राक्षस जब सुबह में उठा तो उसने सोचा एक लड़के को खाकर भूख मिटा लेता हूँ। जब उसके घर गया तो देखा एक भी लड़का नहीं। वह समझ गया कि इसी रास्ते से भाग गया है। राक्षस अपना जादू का जूता लाया और पैर में पहन लिया। वह जादू का जूता सभी के पैर में हो सकता था। जब राक्षस ने एक कदम बढ़ाया तो पांच मील दूर उसी चट्टान पर आ गया। बौना अपने भाई से बोला-तुम लोग भाग जाओ। मैं यहीं हूँ, सभी भाई भाग गए औ बौना वहीं रह गया। वह राक्षस खोजते-खोजते थक गया और उसी चट्टा पर सो गया। जब उसकी नाक बजने लगी। तब बौना चुपके से उसके पैर जूता खोलने लगा और खोलकर अपने पैर में पहन लिया। बौना एक है कदम में पाँच मील दूर राजा के पास पहुँच गया और बोला-मुझे आप सिपाही चाहिए, क्योंकि मुझे आपके दुश्मन से बदला लेना है।राजा अपने सिपाही को बौने के साथ भेज दिया और चट्टान पर जाक उस राक्षस का दो टुकड़ा कर दिया। राजा ने उस बौने को धनवान बना दिए और राजा बौने को अपने पास रख लिया।