प्यारी वस्तु-अकबर बीरबल की कहानी
Apr 09,2021 06:25 AM posted by Admin
एक बार बादशाह अकबर अपनी प्यारी बेगम से किसी बात पर नाराज़ हो गए और गुस्से में आकर बेगम को अपने मायके जाने का हुक्म दिया और साथ में यह भी कह दिया कि वह अपने साथ अपनी सबसे प्यारी वस्तु उठा कर ले जा सकती है। बेगम बादशाह का यह हुक्म सुन कर बहुत उदास हो गई। अचानक उस तरफ से गुजर रहे बीरबल की नज़र बेगम पर पड़ी। बेगम को उदास बैठे हुए देख कर बीरबल ने पूछा-क्या बात है महारानी जी! जो आप उदास बैठी हैं? बेगम ने अपनी उदासी का कारण बीरबल को बताया तो बीरबल ने सारी बात सुन कर महारानी को एक बहुत बढ़िया योजना बताई। अगले दिन बेगम पालकी में बादशाह अकबर को डाल कर अपने मातापिता के घर में पहुंच गई। जब बादशाह की आंख खुली तो उसने अपने आप को एक नई जगह पर पाया जो बहुत हैरान हुए।
"मुझे यहाँ कौन लाया है? किस ने यह गुस्ताखी की है?" उस वक्त बेगम ने बादशाह के पास आकर कहा-"गुस्ताखी माफ, मेरे सरताज, मैंने आपके हुक्म की पालना की है। आपने ही तो कहा था कि अपनी सब से प्यारी वस्तु को ले जा सकती हो। इसीलिए मैं आपको सोते. वक्त बेहोशी की दवा सुंघा कर पालकी में डाल कर अपने साथ ले आई।" बादशाह रानी के मुँह से इस तरह के उत्तर सुन कर हैरान हो गए और फिर बाद में धीरे से बेगम से पूछा कि यह सब करने को तुम्हें किसने कहा था? 'बीरबल ने' बेगम ने मुस्करा कर उत्तर दिया।