हवाई महल-अकबर बीरबल की कहानी

Apr 09,2021 07:25 AM posted by Admin

एक बार अकबर बादशाह ने बीरबल को एक अनोखे ढंग का महल बनाने का हुक्म दिया।बीरबल हमारे लिए तुम एक इस तरह का महल बनवाओ, जिस की नींव जमीन में नहीं होनी चाहिए। बादशाह के शाही हुक्म पर सरकारी खज़ाने से रुपया लेकर बीरबल ने कहा महाराज हवाई महल को तैयार करने वाले कारीगरों की तलाश में दो-तीन महीने लग जायेंगे और कारीगरों के मिलते ही महल जल्दी ही पूरा कर दिया जायेगा। बादशाह-ठीक है हम तुम्हें तीन महीने का समय देते हैं।


अगले दिन बीरबल ने नगर के सारे चिडियामारों को बुलवाया और तोते पकड़ने का हुक्म दिया। शाम को चिडियामारों ने सैकड़ों तोते इकट्ठे करके बीरबल के सामने पेश कर दिये।बीरबल ने उन तोतों में से थोड़े अच्छे तोते चुन लिये और बाकी को छोड़ दिया। फिर बीरबल ने तोतों को सिखाने का काम अपनी बेटी को सौंप दिया। बीरबल की बेटी ने तोतों को यह पाठ सिखाया-चूना लाओ, गारा तैयार करो, ईंटें इकट्ठी करो, हवाई महल तैयार करो आदि-आदि।इन्हीं दो महीने में तोतों ने अच्छी तरह बोलना सीख लिया। फिर एक दिन तोतों को बड़े पिंजरे में बन्द करके बीरबल अकबर के महल में ले गया और बादशाह को पास जाकर कहने लगा।


हजर कारीगर आ गये हैं। अब जल्दी ही काम शुरू कर दिया जायेगा आप चल कर देख लेना।बादशाह बीरबल के साथ चल पड़े। एक बड़े कमरे में जाकर बीरबल ने कमरे का बाहर वाला दरवाज़ा बन्द कर दिया और तोतों के पिंजरे का दरवाज़ा खोल दिया। तोतों ने कमरे में शोर डालना शुरू कर दिया। जिस को सुन कर बादशाह इधर-उधर देखने लगे, क्योंकि उन तोतों में से कोई कह रहा था, ईंटें लेकर आओ, कोई कह रहा था गारा लेकर आओ, कोई कह रहा था, दरवाज़ा लगाओ।इस तरह अलग-अलग आवाज़ों से सारा महल गूंज उठा। बादशाह हैरान होकर बोला-बीरबल, ये तोते क्या कह रहे हैं?बीरबल ने बताया महाराज, यह हवाई महल की तैयारी हो रही है। सामान इकट्ठा होते ही हवाई महल बनाना शुरू हो जायेगा।बादशाह समझ गये कि बीरबल ने अपनी चालाकी से उसको मूर्ख बनाया है|