बकरी के वजन का राज़-अकबर बीरबल की कहानी
Apr 16,2021 09:26 AM posted by Admin
साल की योग्यता की परीक्षा के लिए बादशाह अकबर पाय यो ना करते थे। कभी-कभी तो अजीब तरह की हरकतें भी कर बैठते बार बादशाह अकबर ने एक बकरी देते हुए बीरबल से कहाबीरबल! हम तुम्हें एक बकरी दे रहे हैं, इसका वजन तुलवा दो। वजन न तो घटना चाहिए और न ही बढ़ना चाहिए, जबकि इसे खुराक पूरी दी जाए।"बीरबल सोचने लगा। कुछ देर सोचने के बाद उसने बकरी को अपने पास रख लिया। बकरी को पूरा खाना दिया जाता था। उसकी सभी सुविधाओं का हर प्रकार से ध्यान रखा जाता था।
इस प्रकार दिन गुज़रते जा रहे थे। है न?"एक महीने के बाद बादशाह ने बीरबल से पूछा-"वह बकरी ठीक "जी हां।" बीरबल ने उत्तर दिया। "वजन।" अकबर ने फिर पूछा। बीरबल बोला, "जी उतना ही है।" "बढ़ा तो नहीं?" अकबर का प्रश्न था। बीरबल, "जी नहीं।" "बकरी भूखी रही होगी, इसलिए वजन घटा ज़रूर होगा?" "जी नहीं, पूरा खाना मिला है। वैसी ही स्वस्थ है। वजन भी उतना ही है।" बीरबल ने कहा। अकबर ने बकरी मंगवाई। बकरी को वजन किया गया। उसका वजन वही था. जो एक महीना पहले था।बादशाह को बड़ा अचम्भा हुआ।
उन्होंने यह पता लगा लिया था कि बकरी को पूरी खुराक दी जा रही थी, फिर ऐसे कैसे हो गया? उन्होंने बीरबल से कहा-"यह क्या राज है कि बकरी का वजन न घटा, न बढ़ा?" बीरबल-"कोई खास बात नहीं है, जहांपनाह! सारा दिन बकरी को खिलाता-पिलाता था। रात को एक घंटे के लिए शेर के सामने खडा कर देता था। वह भय से कांपती थी और पनप ही नहीं पाती थी।" बीरबल का जवाब सुनकर बादशाह अकबर और अन्य दरबारी मुस्कराए बिना नहीं रह सके। दरबारियों ने भी बीरबल की अकल की दाद दी।