बीरबल को लड़का हुआ-अकबर बीरबल की कहानी

Apr 09,2021 06:54 AM posted by Admin

बादशाह को बीरबल बहुत पसन्द था। इस बात को दरबारी ही नहीं सारी रियासत जानती थी। कहते हैं फूलों के साथ कांटे भी होते हैं। इस तरह दरबार में साथियों के साथ-साथ दुश्मन भी थे, जो कि हर समय यही चाहते थे कि कब बीरबल उनकी बातों में आ जाए और कब उसे सबक सिखाएं। उन्होंने मिल कर एक योजना बनाई कि बीरबल को जंगल में शेर का वहाँ उसे शेर खा जाएगा और बीरबल का झगड़ा ही ख़त्म हो जाएगा। इस काम को करने के लिए उन्होंने बादशाह की एक बेगम को अपने साथ मिला लिया और उसको बीमार बनने का नाटक करने को कहा। कुछ दिनों के बाद बेगम ने बीमार होने का नाटक किया और बादशाह से कहने लगी-मेरे सरताज, मेरी यह बीमारी बहुत ही अजीब है। मुझे शाही हकीम ने कहा है कि-तेरी बीमारी का ईलाज केवल शेर का दूध पीने से ही हो सकता है।


अकबर बादशाह ने दरबार में आकर यह ऐलान किया जो कोई भी शेर का दूध ले कर आएगा, उसको बहुत सा धन इनाम में दिया जाएगा। बादशाह का यह हुक्म सुन कर सारे हकीम कहने लगे कि इस शुभ काम को बीरबल के हाथों सौंप दीजिए तो ठीक रहेगा। बादशाह ने बीरबल को शेर का दूध लाने को कहा।बीरबल के कुछ दिनों की मोहलत ले कर चला गया और घर जा कर शेर के दूध की सारी बात अपनी बेटी को बताई। बीरबल की बेटी उससे भी ज्यादा समझदार थी। उसने अपने पिता से कहा-आप इस बात की बिल्कल चिंता न करें। जिस तरह से मैं आपको कहूंगी आप वैसा ही करना। बीरबल ने वैसा ही किया, जैसा कि उसकी बेटी ने उसे समझाया था।बीरबल मोहलत ख़त्म होने के बाद भी दरबार में हाज़िर न हआ तो बाप ने अपने सैनिकों को उसके घर जाकर पता करके आने को कहा।सैनिकों ने वापिस आकर बादशाह से कहा-महाराज, बीरबल की नी ने कहा कि बीरबल के लड़का हुआ है, वह अभी नहीं आ सकते। इस बात पर राजा को अपनी भूल का एहसास हुआ, क्योंकि शेर नहीं, शेरनी दूध देती है। तब राजा आप जाकर बीरबल को उसके घर से ले आए।