बीरबल की खिचड़ी-अकबर बीरबल की कहानी

Apr 09,2021 06:40 AM posted by Admin

एक बार बादशाह अकबर ने दरबार में यह ऐलान किया कि जो आदमी सारी रात यमुना नदी में खड़ा रहेगा, उसको इनाम दिया जाएगा। बादशाह का हुक्म सुन कर और इनाम के लालच में एक धोबी ने सारी रात नदी में खड़े-खड़े गुज़ार दी और अगले दिन दरबार में जा कर इनाम मांगने लगा। बादशाह ने कहा कि तुम्हारे पास क्या सबूत है कि तूने सारी रात नदी में खड़े होकर गुज़ारी है?धोबी-"हुजूर! मैंने कल सारी रात महल की छत पर पड़े दीये को देखते-देखते रात गुजारी।" "इस का मतलब यह हुआ कि महल की छत पर पड़े दीये की लौ की गर्मी के साथ तुमने सारी रात पानी में खड़े हो कर गुज़ारी है इसलिए तुझे इनाम नहीं मिलेगा। धोबी उदास हो कर बीरबल के पास जा कर कहने लगा कि बीरबल जी, महाराज जी ने इनाम देने से इन्कार कर दिया है। बीरबल ने सारी बात पूछ कर उसे इनाम दिलवाने का हौसला देकर घर लौटा दिया। अगले दिन बीरबल को दरबार में न देख कर बादशाह ने उसे लाने के लिए सेवकों को उसके घर भेजा। सेवकों ने वापिस आकर कहा कि महाराज, बीरबल ने कहा है कि जब उसकी खिचड़ी बन जाएगी, तब वंह दरबार में हाज़िर हो जाएगा।


'बादशाह इस अजीब बात को सुन कर हैरान हो गये और सोचने लगे कि यह असली माजरा क्या है। बादशाह अकबर खुद अपने सेवकों के साथ बीरबल के घर पर पहुंचे तो देखा कि बीरबल ने एक पतीली में चावल डाल कर उसको बांस के साथ बाँध कर ऊपर लटकाया हुआ है और आप बीरबल जमीन पर बैठ कर आग जला रहा है। "बीरबल, यह क्या हो रहा है?" बादशाह ने पूछा-क्या इतनी दूर रखी हुई पतीली में तेरी खिचड़ी बन जाएगी?" हुजूर-बन जाएगी। बादशाह-वह कैसे बीरबल? बिल्कुल उसी तरह जिस तरह महल के ऊपर जल रहे दीये की गर्मी में धोबी सारी रात पानी में खड़ा रहा। बादशाह यह सुनकर बहुत शर्मिंदा हुआ और धोबी को उसका इनाम दे दिया।