बेगमें हैं दो-दो-अकबर बीरबल की कहानी
Apr 10,2021 02:27 AM posted by Admin
अक्सर बादशाह अकबर एवं बीरबल के मध्य नोक-झोंक होती रहती थी। एक रोज़ की बात है कि-बीरबल ने अकबर से शाही फरमान हासिल कर लिया कि जो शख्स अपनी बीवी से डरता होगा, उसे सिद्ध होने पर, एक मुर्गा बीरबल को बतौर तोहफा देना होगा। इसके कुछ रोज़ बाद बीरबल ढेर सारे मुर्गे इकट्ठे करके दरबार में लाया और बादशाह अकबर से बोला-"हुजूर! मुर्गे जमा करते-करते मैं बुरी तरह थक चुका हूं, मेहरबानी करके अपना यह हुक्म वापिस ले लीजिए। ' इस पर बादशाह अकबर ने सीना फुलाकर कहा-"बीरबल! कमान से निकले तीर की भांति यह तीर भी अब निकल चुका समझो, फिलहाल तो कोई और ज़िक्र करो।"जैसा आपका हुक्म आलमपनाह!" बीरबल ने एक विशेष अन्दाज़ में कहा-"एक ताज़ा व खास खबर यह है कि आपके पड़ोस के राज्य में एक शहजादी एकदम परियों जैसी खूबसूरत है। वह हर प्रकार से आपके रनवास की शोभा बढ़ाने योग्य है। आप निकाह करके उसे अपना लें।"बीरबल की बात पर खीझकर बाहशाह अकबर ने भी कहने लगे-“अमा! आहिस्ता बोलो, हमारे जनानखानी नहीं, दो-दो बेगमें हैं।"बीरबल ने झट से कहा-"लाइए, अब आपको को देना होगा।"अकबर ने इधर-उधर देखा और जनानखाने में पहले से ही एक दो मर्गों का तोहफा अकबर उम्र बढ़ाने वाला पेड़ दरअसल अकबर को मुर्गे देने पड़े। की दो बीवियां थी|