मोहम्मद रफी की मशहूर शायरी - Sauda Mohammad Rafi Shayari In Hindi
आदम का जिस्म जब कि अनासिर से मिल बना
कुछ आग बच रही थी सो आशिक़ का दिल बना
सरगर्म-ए-नाला इन दिनों मैं भी हूँ अंदलीब
मत आशियाँ चमन में मिरे मुत्तसिल बना
जब तेशा कोहकन ने लिया हाथ तब ये इश्क़
बोला कि अपनी छाती पे धरने को सिल बना
जिस तीरगी से रोज़ है उश्शाक़ का सियाह
शायद उसी से चेहरा-ए-ख़ूबाँ पे तिल बना
लब ज़िंदगी में कब मिले उस लब से ऐ कलाल
साग़र हमारी ख़ाक को मथ करके गिल बना
अपना हुनर दिखावेंगे हम तुझ को शीशागर
टूटा हुआ किसी का अगर हम से दिल बना
सुन सुन के अर्ज़ हाल मिरा यार ने कहा
'सौदा' न बातें बैठ के याँ मुत्तसिल बना
फ़िल्मी शायरी - Mohammad Rafi Filmi Sher In Hindi
कल रात ज़िन्दगी से मुलाक़ात हो गयी
लब थराथरा रहे थे मगर बात हो गयी

इक दिल के टुकड़े हज़ार हुए,कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा
बहते हुए आँसू रुक न सके, कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा
गुज़रे हैं आज इश्क़ में हम उस मक़ाम से
नफ़रत सी हो गई है मुहब्बत के नाम से
दिल सुलगने लगा अश्क़ बहने लगे
जाने क्या-क्या हमें लोग कहने लगे
आप ने सीखा है क्या दिल के लगाने के सिवा
आप को आता है क्या नाज़ दिखाने के सिवा
दिल का सूना साज़ तराना ढूँढेगा
तीर-ए-निगाह-ए-नाज़ निशाना ढूँढेगा
Two Lines Shayari Of Sauda Mohammad Rafi
तुझे प्यार करते हैं, करते रहेंगे
कि दिल बनके दिल में धड़कते रहेंगे
सूनी हैं दिल की राहें, खामोश हैं निगाहें
नाकाम हसरतों का उठने को है जनाज़ा
कितनी राहत है दिल टूट जाने के बाद
ज़िदगी से मिले मौत आने के बाद
रंग और नूर की बारात किसे पेश करूं
ये मुरादों की हंसी रात किसे पेश करूं
कभी ख़ुद पे, कभी हालात पे रोना आया
बात निकली, तो हर इक बात पे रोना आया
कौन कहता है कि चाहत पे सभी का हक़
है तू जिसे चाहे, तेरा प्यार उसी का हक़ है
ज़िन्दगी आज मेरे नाम से शर्माती है
अपने हालत पे मुझे खुद भी हंसी आती है
यह रेशमी जुल्फे, यह शरबती आँखे
ये रेशमी ज़ुल्फ़ें, ये शरबती आँखें
इन्हें देखकर जी रहे हैं सभी
जो ये आँखें शरम से झुक जाएंगी
सारी बातें यहीं बस रुक जाएंगी
चुप रहना, ये अफ़साना कोई इनको ना बतलाना
कि इन्हें देखकर पी रहे हैं सभी
जुल्फें मगरूर इतनी हो जाएंगी
दिल को तड़पाएंगी, जी को तरसाएंगी
ये कर देंगी दीवाना, कोई इनको ना बतलाना
कि इन्हें देखकर जी रहे हैं सभी
सारे इनकी शिकायत करते हैं
फिर भी इनसे मोहब्ब्त करते हैं
ये क्या जादू है जाने, फिर चाक गिरेबाँ दीवाने
इन्हें देखके सी रहे हैं सभी