Mirza Ghalib Shayari In Hindi : मिर्ज़ा असद-उल्लाह बेग ख़ां उर्फ “ग़ालिब के नाम से जाना जाता है। मिर्ज़ा ग़ालिब जी उर्दू एवं फ़ारसी भाषा के महान शायर थे। इनको उर्दू भाषा का सर्वकालिक महान शायर माना जाता है। आइये इस पोस्ट में मिर्ज़ा ग़ालिब की कुछ खास शेर - शायरी को पढ़ते है - Mirza Ghalib Shayari, Mirza Ghalib Sad Shayari, Mirza Ghalib Facebook Shayari, Mirza Ghalib Love Shayari, Mirza Ghalib Romantic Shayari -
मिर्ज़ा ग़ालिब की शेर शायरी हिंदी फॉण्ट में - Mirza Ghalib Shayari In Hindi Fonts
वादे पे वो ऐतबार नहीं करते,
हम जिक्र मौहब्बत सरे बाजार नहीं करते,
डरता है दिल उनकी रुसवाई से,
और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते |
उम्मीद तो हमने ये की थी,
मै राँझा तेरा, तू मेरी ही बने,
पर शायद खुदा को ये मजूर न था,
की तू मेरी तकदीर बने…
आँखों की आवाज़ कुछ और होती है
आंसुओ की आग कुछ और होती है
कौन चाहता है बिछड़ना अपने प्यार से
मगर किस्मत की बात कुछ और होती है
तुझसे ही हर सुबह हो मेरी,
तुझसे ही हर शाम,
कुछ ऐसा रिश्ता बन गया तुझसे,
की हर सासो में सिर्फ तेरा ही नाम…
मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी प्यार के लिए - Mirza Ghalib Shayari On Love In Hindi
घर से बाहर कॉलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली,
सारी गली उनके पीछे निकली…
इनकार करते थे वो हमारी मोहब्बत से……….
और हमारी ही तस्वीर उनकी किताब से निकली………
वादे पे वो ऐतबार नहीं करते,
हम जिक्र मौहब्बत सरे बाजार नहीं करते,
डरता है दिल उनकी रुसवाई से,
और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते।।
रोज़ ये दिल बेकरार होता है काश तुम समझ सकते
की चुप रहने वालों को भी किसी से प्यार होता है…..
प्यार ग़ज़ल है गुनगुनाने के लिए,
प्यार नगमा है सुनाने के लिए,
ये वो जज्बा है जो सबको नहीं मिलता,
क्योंकि हौंसला चाहिए प्यार को निभाने के लिए…..
मिर्ज़ा ग़ालिब की मशहूर शायरी हिंदी में - Mirza Ghalib Famous shayari in hindi
एक तो तेरी आवाज़ याद आएगी,
तेरी कही हुवी हर बात याद आएगी,
दिन ढल जायेगा रात याद आएगी,
हर लम्हा पहली मुलाकात याद आएगी.
हर एक बात पर कहते हो तुम कि तो क्या है,
तुम्ही कहो कि ये अंदाज-ए-गुफ्तगु क्या है?
रगों में दौड़ते-फिरने के हम नहीं कायल,
जब आंख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है?”
फिर तेरे कूचे को जाता है ख्याल दिल -ऐ -ग़म गुस्ताख़
मगर याद आया कोई वीरानी सी वीरानी है .
दश्त को देखके घर याद आया
मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी इश्क़ के लिए - Mirza Ghalib Shayari On Ishq In Hindi
हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के
इश्क़ ने “ग़ालिब” निकम्मा कर दिया
वरना हम भी आदमी थे काम के
दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई
दोनों को एक अदा में रजामंद कर गई
मारा ज़माने ने ‘ग़ालिब’ तुम को
वो वलवले कहाँ , वो जवानी किधर गई
मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी जीवन के लिए - Mirza Ghalib Shayari On Life In Hindi
इस दिल को किसी की आहट की आस रहती है,
निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है,
तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही,
फिर भी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है
मोहबत को जो निभाते हैं उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं उनको, हुमारा ये पेघाम हैं,
“वादा-ए-वफ़ा करो तो फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो
फिर उसी बेवफा पे मरते हैं, फिर वही ज़िन्दगी हमारी है
बेखुदी बेसबब नहीं ‘ग़ालिब’, कुछ तो है जिस की पर्दादारी है
मिर्ज़ा ग़ालिब की 2 लाइन शायरी हिंदी में - Mirza Ghalib 2 lines shayari in hindi
दरख़्त ऐ नीम हूँ, मेरे नाम से घबराहट तो होगी,
छांव ठंडी ही दूँगा, बेशक पत्तों में कड़वाहट तो होगी
न सोचा मैंने आगे, क्या होगा मेरा हशर,
तुझसे बिछड़ने का था, मातम जैसा मंज़र!
हैं और भी दुनिया में सुखन-वर बहुत अच्छे,
कहते हैं कि ग़ालिब का है अंदाज़-ए-बयाँ और।
ज़िन्दगी उसकी जिस की मौत पे ज़माना अफ़सोस करे ग़ालिब ,
यूँ तो हर शक्श आता हैं इस दुनिया में मरने कि लिए …
ज़ाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर ,
या वह जगह बता जहाँ खुदा नहीं ..
अपनी गली में मुझ को न कर दफ़्न
बाद-ए-क़त्ल मेरे पते से ख़ल्क़* को क्यूँ तेरा घर मिले
आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे
ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें
जिसे बना कर फ़क़ीरों का हमभेस ‘ग़ालिब’
तमाशा-ए-अहल-ए-करम देखते हैं
मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी फेसबुक के लिए - Mirza Ghalib Shayari For Facebook In Hindi
दिल-इ-नादान तुझे हुआ क्या है;
आखिर इस दर्द की दवा क्या है;
हम हैं मुश्ताक और वो बेज़ार;
या इलाही यह माजरा क्या है!
आपकी मुस्कान हमारी कमजोरी है,
कह ना पाना हमारी मज़बूरी है,
आप क्यों नहीं समझते इस खामोशी को,
क्या ख़ामोशी को जुबान देना जरुरी है?
मिर्ज़ा ग़ालिब की शायरी व्हाट्सप्प के लिए - Mirza Ghalib Shayari For Whatsapp In Hindi
कहा जो उसने की हम तुम्हे बर्बाद कर देंगे,
हमने मुस्कुरा के पूछा… मोहब्बत करने का इरादा है क्या हमसे……
मौत पे भी मुझे यकीन है तुम पर भी ऐतबार है,
देखना है पहले कौन आता है हमें दोनों का इंतज़ार है
मिर्ज़ा ग़ालिब की रोमांटिक & दर्द भरी शायरी - Mirza Ghalib Shayari romantic & Sad Shayari In Hindi
हमदम तो साथ साथ चलते हैं, रास्ते तो बेवफ़ा बदलते हैं,
तेरा चेहरा है जब से आँखों में, मेरी आँखों से लोग जलते हैं…
वो ज़िंदगी ही क्या जिसमे मोहब्त नही,
वो मोहब्त ही क्या जिसमे यादें नही,
वो यादें क्या जिसमे तुम नही,
और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नही,.....
मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल हिंदी में Mirza Ghalib Ghazals In Hindi
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है, आख़िर इस दर्द की दवा क्या है
हम हैं मुश्ताक़ और वो बे-ज़ार, या इलाही ये माजरा क्या है
मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ, काश पूछो कि मुद्दआ' क्या है
जब कि तुझ बिन नहीं कोई मौजूद,फिर ये हंगामा ऐ ख़ुदा क्या है
ये परी-चेहरा लोग कैसे हैं, ग़म्ज़ा ओ इश्वा ओ अदा क्या है
शिकन-ए-ज़ुल्फ़-ए-अंबरीं क्यूँ है, निगह-ए-चश्म-ए-सुरमा सा क्या है
सब्ज़ा ओ गुल कहाँ से आए हैं,अब्र क्या चीज़ है हवा क्या है
हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद, जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
हाँ भला कर तिरा भला होगा, और दरवेश की सदा क्या है
जान तुम पर निसार करता हूँ, मैं नहीं जानता दुआ क्या है
मैं ने माना कि कुछ नहीं 'ग़ालिब', मुफ़्त हाथ आए तो बुरा क्या है