Holi In Hindi: होली का त्यौहार बहुत ही खाश त्यौहार है, क्योकि इसमें सारी दुनिया रंगो से डूबी होती है।अगर हास्य की बात करे तो न कोई काला होता है न कोई गोरा सब एक समान। खैर छोड़ो इस बात को आइये जानते है, होली के बारे में कुछ अनसुने मजेदार रोचक तथ्य-

Amazing Facts About Holi In Hindi - होली के बारे में रोचक तथ्य
1. हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली मनायी जाती है।
2. महाऋषि मनु का जन्म Holi के दिन ही हुआ था।
3. होली एकमात्र ऐसा त्यौहार है जो पुरे विश्व में एक साथ मनाया जाता है।
4. होली को फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं।
5. मुगल काल में भी होली के किस्से हैं। अकबर का जोधाबाई के साथ तथा जहाँगीर का नूरजहाँ के साथ होली खेलने का वर्णन मिलता है।
6. कुछ लोगों का मानना है कि होली में रंग लगाकर, नाच-गाकर लोग शिव के गणों का वेश धारण होता है।
7. होली का त्यौहार भारत के ब्रज क्षेत्र में कम से कम 16 दिनों के लिए मनाया जाता है जहां कृष्ण का जन्म हुआ था।
8. वैदिक युग में होली को 'नवान्नेष्टि यज्ञ' कहा गया था, क्योंकि यह वह समय होता है, जब खेतों में पका हुआ अनाज काटकर घरों में लाया जाता है। जलती होली में जौ और गेहूं की बालियां तथा चने के बूटे भूनकर प्रसाद के रूप में बांटे जाते हैं।
9. सुप्रसिद्ध मुस्लिम पर्यटक अलबरूनी ने भी अपने ऐतिहासिक यात्रा संस्मरण में होलिकोत्सव का वर्णन किया है।
10. होली का पहला काम झंडा या डंडा गाड़ना होता है। इसे किसी सार्वजनिक स्थल या घर के आहाते में गाड़ा जाता है। इसके पास ही होलिका की अग्नि इकट्ठी की जाती है।
Interesting Facts About Holi In Hindi - होली के बारे में रोचक तथ्य
11. ब्रज की होली आज भी सारे देश के आकर्षण का बिंदु होती है। बरसाने की लठमार होली काफ़ी प्रसिद्ध है।
12. प्रह्लाद की कथा के अतिरिक्त यह पर्व राक्षसी ढुंढी, राधा कृष्ण के रास और कामदेव के पुनर्जन्म से भी जुड़ा हुआ है
13. Holi का पर्व भारत के अलावा नेपाल और अन्य भारतीय प्रवासी देशो में भी धूमधाम से मनाया जाता है
14. महाभारत काल में युधिष्ठिर ने भी होली का महत्व बताते हुए कहा था कि इस दिन जनता को भय रहित क्रीडा करनी चाहिए।
15. महाकवि सूरदास ने वसन्त एवं होली पर 78 पद लिखे हैं, भक्तिकालीन रहीम, रसखान, पद्माकर, जायसी, मीराबाई, कबीर और रीतिकालीन बिहारी, केशव, घनानंद आदि अनेक कवियों को यह विषय प्रिय रहा है।
16. अपने पुत्र प्रहलाद की ईश्वर भक्ति से क्रुद्ध होकर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया कि प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठे। होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हिरण्यकश्यप के आदेशानुसार आग में बैठने पर होलिका तो जल गई पर प्रहलाद बच गया। ईश्वर भक्त प्रहलाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है।