भगवान सूर्यदेव के चमत्कारी मंत्र – Lord Surya Mantra In Hindi

Apr 05,2019 06:35 PM posted by Admin

हिन्दू धर्म के देवता सूर्य देव एक ऐसे मात्र देव है जो सत्य के प्रमाण है और जो साक्षात दिखाई पड़ते हैं। इसकी जिस इंसान पर कृपा होती है। वह इंसान पूरे विश्व में विख्यात होता है। इनकी विधि-विधान द्वारा पूजा करने से सफलता, मानसिक शांति और शक्ति का संचार होता है। सूर्यदेव जी की पूजा में गायत्री मंत्र के अतिरिक्त निम्न मंत्रों का प्रयोग किया जाता है। तो आइये जानते है, भगवान सूर्यदेव के चमत्कारी मंत्र- भगवान सूर्यदेव के चमत्कारी मंत्र – Lord Surya Mantra In Hindi

भगवान सूर्यदेव के चमत्कारी मंत्र – Lord Surya Mantra In Hindi


पुत्र की प्राप्ति के लिए सूर्य देव का मंत्र
ऊँ भास्कराय पुत्रं देहि महातेजसे। धीमहि तन्नः सूर्य प्रचोदयात्।।
व्यवसाय में वृद्धि करने के लिए सूर्य देव का मंत्र
ऊँ घृणिः सूर्य आदिव्योम।।
शत्रुओं के नाश के लिए सूर्य देव सूर्य देव का मंत्र
शत्रु नाशाय ऊँ हृीं हृीं सूर्याय नमः
मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सूर्य देव का मंत्र
ऊँ हृां हृीं सः
ग्रहों की दशा के निवारण हेतु सूर्य देव का मंत्र
ऊँ हृीं श्रीं आं ग्रहधिराजाय आदित्याय नमः

पूजा में प्रयोग होने वाले सूर्यदेव मंत्र – Daily Surya Dev Puja Mantra In Hindi


भगवान सूर्यदेव चन्दन समर्पण मंत्र
दिव्यं गन्धाढ़्य सुमनोहरम् | वबिलेपनं रश्मि दाता चन्दनं प्रति गृह यन्ताम् ||
भगवान सूर्यदेव वस्त्रादि अर्पण मंत्र
शीत वातोष्ण संत्राणं लज्जाया रक्षणं परम् | देहा लंकारणं वस्त्र मतः शांति प्रयच्छ में ||
भगवान सूर्यदेव यज्ञोपवीत समर्पण मंत्र
नवभि स्तन्तु मिर्यक्तं त्रिगुनं देवता मयम् | उपवीतं मया दत्तं गृहाणां परमेश्वरः ||
भगवान सूर्यदेव घृत स्नान मंत्र
नवनीत समुत पन्नं सर्व संतोष कारकम् | घृत तुभ्यं प्रदा स्यामि स्नानार्थ प्रति गृह यन्ताम् ||
भगवान सूर्यदेव अर्घ्य समर्पण मंत्र
ॐ सूर्य देवं नमस्ते स्तु गृहाणं करूणा करं | अर्घ्यं च फ़लं संयुक्त गन्ध माल्याक्षतै युतम् ||
भगवान दिवाकर गंगाजल समर्पण मंत्र
ॐ सर्व तीर्थं समूद भूतं पाद्य गन्धदि भिर्युतम् | प्रचंण्ड ज्योति गृहाणेदं दिवाकर भक्त वत्सलां ||
भगवान सूर्यदेव आसन समर्पण मंत्र
विचित्र रत्न खन्चित दिव्या स्तरण सन्युक्तम् | स्वर्ण सिंहासन चारू गृहीश्व रवि पूजिता ||
भगवान सूर्यदेव आवाहन मंत्र
ॐ सहस्त्र शीर्षाः पुरूषः सहस्त्राक्षः सहस्त्र पाक्ष | स भूमि ग्वं सब्येत स्तपुत्वा अयतिष्ठ दर्शां गुलम् ||
भगवान सूर्यदेव दुग्ध स्नान मंत्र
काम धेनु समूद भूतं सर्वेषां जीवन परम् | पावनं यज्ञ हेतुश्च पयः स्नानार्थ समर्पितम् ||
भगवान सूर्यनारायण ध्यान मंत्र
ध्याये सूर्यमन्नत कोटि किरणं तेजोमयम् भास्करम्।। भक्ता नाम् भय प्रदम् दिनकरं ज्योर्तिमयम शंकरं।।