Mahatma Gandhi In Hindi: गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। गाँधी जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। महात्मा गांधी जी ने सत्याग्रह की नीव अहिंसा के सिद्धान्त पर रखकर भारत देश को आजाद कराया था।
मोहनदास करमचंद गाँधी जी को बहुत सारे नामो (महात्मा गांधी, राष्ट्रपिता ) से जाना जाता है। सुभाष चन्द्र बोस ने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित किया था। तो आइये अब जानते है मोहनदास करमचंद गाँधी जी के जीवन के बारे में पूरी जानकारी -
महात्मा गांधी का जीवन परिचय – Mahatma Gandhi Biography In Hindi
महात्मा गांधी का जन्म कब और कहाँ हुआ था ? इनके माता-पिता, भाई-बहन का क्या नाम है ? इनका विवाह किसके साथ हुआ? , महात्मा गांधी के कितने बच्चे और उनका क्या नाम था ? महात्मा गांधी की मृत्यु कब हुई यह सारी जानकारी नीचे दी गई है-
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पूरा नाम |
मोहनदास करमचंद गांधी |
पिता का नाम |
करमचंद गांधी |
माता का नाम |
पुतलीबाई |
जन्म दिनांक |
2 अक्टूबर, 1869 |
जन्म स्थान |
गुजरात के पोरबंदर क्षेत्र में |
शिक्षा |
बैरिस्टर |
पत्नि |
कस्तूरबा गांधी |
संतान |
4 पुत्र -: हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास |
मृत्यु |
30 जनवरी 1948 |
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महात्मा गांधी का आरंभिक जीवन – Early life of Mahatma Gandhi In Hindi
मोहनदास करमचंद गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 में गुजरात के पोरबंदर क्षेत्र में हुआ था। महात्मा गाँधी के पिता
करमचंद गांधी सनातन धर्म की
पंसारी जाति से सम्बन्ध रखते थे।उनकी माता पुतलीबाई परनामी वैश्य समुदाय की थीं। आपकी जानकारी के लिए बता दे, पुतलीबाई करमचन्द की चौथी पत्नी थी। उनकी पहली तीन पत्नियाँ प्रसव के समय मर गयीं थीं।
आज हम लोग आजाद भारत में सांस ले रहे हैं, तो इसलिए क्योंकि हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने अथक प्रयासों के बल पर अंग्रेजो से भारत को आजाद कराया था। हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का विवाह 13 वर्ष की उम्र में ही हो गया था। और विवाह के समय कस्तूरबा की उम्र 14 वर्ष की थी।
महात्मा गांधी जी ने सन 1887 में मेट्रिक की परीक्षा पास की थी। और फिर इन्होने 1888 में भावनगर के सामलदास कॉलेज में एडमिशन लिया था। यहाँ से डिग्री लेने के बाद लंदन चले गए और वहाँ से बैरिस्टर बनकर लौटे।
महात्मा गांधी की दक्षिण अफ्रीका की यात्रा – Mahatma Gandhi Visit to South Africa In Hindi
Mahatma Gandhi जी को वकालत के दौरान
दादा अब्दुल्ला और
अब्दुल्ला नामक मुस्लिम व्यापारिक संस्था के मुकदमे के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा। महात्मा गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में हो रहे अन्याय के खिलाफ
" अवज्ञा आंदोलन " चलाया। और जब यह आंदोलन पूर्ण हुआ तभी गांधी जी वापस भारत लौटे।
गांधी जी के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन – Mahatma Gandhi Aandolan In Hindi
महात्मा गाँधी जी ने देश को आजाद करवाने के लिए बहुत सारे आंदोलन किये। और इन आंदोलन में महात्मा गाँधी जी को बहुत सारी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। महात्मा गाँधी जी द्वारा कुछ खास आंदोलन नीचे निम्नलिखित है-
1.महात्मा गांधी का चंपारण और खेड़ा आंदोलन – Mahatma Gandhi Champaran and Kheda Andolan
2. महात्मा गांधी का खिलाफत आंदोलन (1919-1924) – Mahatma Gandhi Khilafat Andolan
3. महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन (1919-1920) – Mahatma Gandhi Asahyog Andolan
4. महात्मा गांधी का चौरी-चौरा काण्ड (1922) – Mahatma Gandhi Chauri Chaura Andolan
5. महात्मा गांधी का सविनय अवज्ञा आंदोलन/डंडी यात्रा/नमक आंदोलन (1930) – Mahatma Gandhi Savinay Avagya Andolan/ Dandi March / Namak Andolan
6. महात्मा गांधी का भारत छोड़ो आंदोलन- (1942) – Mahatma Gandhi Bharat Chhodo Andolan
महात्मा गांधी का चंपारण और खेड़ा आंदोलन – Mahatma Gandhi Champaran and Kheda Andolan
अंग्रेज लोग जब भारत देश के चम्पारण और खेडा में शासन कर रहे थे। यहाँ पर अंग्रेज लोग जमीदारो द्वारा किसानों से ज्यादा कर लेकर उनका शोषण कर रहे थे। इसी वजह से यहाँ के किसानो में भूखमरी और गरीबी के हालात पैदा हो गए थे। इन्ही हालातो को देखते हुए महात्मा गाँधी जी ने चंपारण नामक आंदोलन किया, और इस आंदोलन में महात्मा गाँधी किसानों को 25 फीसदी से धनराशि वापस दिलाने में कामयाब रहे।
गांधी जी ने खेड़ा आंदोलन तब किया जब खेड़ा के किसानों पर अकाली का पहाड़ टूटा।अकाली की वजह से खेड़ा के किसान कर नहीं दे पा रहे थे। यहाँ पर महात्मा गाँधी जी ने अंग्रेजो के सामने किसानों का लगान माफ करने का प्रस्ताव रखा। और इस प्रस्ताव को ब्रिटिश सरकार ने मानकर किसानो का लगान को माफ कर दिया।
महात्मा गांधी का खिलाफत आंदोलन (1919-1924) – Mahatma Gandhi Khilafat Andolan
यह आंदोलन तुर्की के खलीफा पद की दोबारा स्थापना करने के लिए चलाया गया था। इस आंदोलन में महात्मा गाँधी ने हिंदू-मुस्लिम एकता का भरोसा भी जीत लिया था।
महात्मा गांधी का असहयोग आंदोलन (1919-1920) – Mahatma Gandhi Asahyog Andolan
जलियां वाला बाग के दौरान महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलकर आंदोलन करने का फैसला लिया था। इसके तहत गांधी जी ने ब्रिटिश भारत में राजनैतिक, समाजिक संस्थाओं का बहिष्कार करने की मांग की।
महात्मा गांधी का चौरी-चौरा काण्ड (1922) – Mahatma Gandhi Chauri Chaura Andolan
चौरा-चौरी गांव में 5 फरवरी को जुलूस निकाला था। इस जुलूस में प्रदर्शनकारियों ने एक थानेदार और 21 सिपाहियों को थाने में बंद कर आग लगा ली। इस आग में झुलसकर सभी लोगों की मौत हो गई थी।
महात्मा गांधी का सविनय अवज्ञा आंदोलन/डंडी यात्रा/नमक आंदोलन (1930) – Mahatma Gandhi Savinay Avagya Andolan/ Dandi March / Namak Andola
12 मार्च 1930 को दांडी यात्रा द्धारा
नमक बनाकर इस कानून को तोड़ दिया था उन्होनें दांडी नामक स्थान पर पहुंचकर नमक बनाया था और कानून की अवहेलना की थी। गांधी जी की दांडी यात्रा 12 मार्च 1930 से लेकर 6 अप्रैल 1930 तक चली। दांडी यात्रा
साबरमति आश्रम से निकाली गई।
महात्मा गांधी का भारत छोड़ो आंदोलन- (1942) – Mahatma Gandhi Bharat Chhodo Andolan
गांधी जी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ तीसरा सबसे बड़ा आंदोलन छेड़ा था। इस आंदोलन को
‘अंग्रेजों भारत छोड़ों’ का नाम दिया गया था। इस आंदोलन में Mahatma Gandhi जी को जेल भी जाना पड़ा था। इस आंदोलन में लाख कोशिशों के बाद भी यह आंदोलन सफल नहीं रहा।
महात्मा गांधी का सामाजिक जीवन - Social Life Of Mahatma Gandhi In Hindi
मोहनदास करमचंद गांधी जी के विचार बहुत ही ज्यादा उच्च थे। (
महात्मा गाँधी के अनमोल विचार ) महात्मा गांधी जी सामाजिक जीवन में "
सादा जीवन उच्च विचार " को मानते थे। इनके इन्ही विचारो की वजह से सुबाष चंद्र बोष जी ने इनको
"महात्मा" की उपाधि दी थी। महात्मा गांधी जी ने किसी अस्त-शस्त्र का प्रयोग न करके बल्कि सत्य और अहिंसा के बलपर देश को आजाद कराया था।
महात्मा गांधी की कुछ खास बातें – Some special things of Mahatma Gandhi In Hindi
राष्ट्रपति महात्मा गांधी जी के जीवन से जुडी कुछ खास बारे निम्नलिखित है (
महात्मा गांधी के बारे में रोचक तथ्य )
1. सादा जीवन, उच्च विचार
2. सत्य और अहिंसा
3. छूआछूत को दूर करना
महात्मा गांधी जी की जीवन कार्य – Mahatma Gandhi ji's life work In Hindi
- Mahatma Gandhi जी ने भारत लौटकर 1915 में साबरमती यहा सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की।
- 1919 में Mahatma Gandhi जी ने ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन में शुरु किया।
- 1920 में असहयोग आंदोलन शुरु किया।
- 1924 में बेळगाव यहा राष्ट्रिय सभा के अधिवेशन का अध्यक्षपद।
- 1932 में उन्होंने अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना की।
- 1933 में उन्होंने ‘हरिजन’ नाम का अखबार शुरु किया।
- 1934 में गांधीजीने वर्धा के पास ‘सेवाग्राम’ इस आश्रम की स्थापना की।
- 1942 में चले जाव आंदोलन शुरु उवा। ‘करेगे या मरेगे’
महात्मा गांधी की हत्या - Mahatma Gandhi's Assassination In Hindi
गांधी जी नई दिल्ली के बिड़ला भवन (बिरला हाउस ) के मैदान में रात चहलकदमी कर रहे थे। तभी नाथूराम गोड से द्वारा गोली मारकर
30 जनवरी 1948 को हत्या कर दी गई। गांधी जी के स्मारक पर देवनागरी में
" हे राम " लिखा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि जब गांधी जी को गोली मारी गई तब उनके मुख से निकलने वाले ये अंतिम शब्द थे।