लाला लाजपत राय की जीवनी | Lala Lajpat Rai Biography In Hindi
Feb 01,2019 07:06 PM posted by Admin
लाला लाजपत राय जी समाज के बहुत ही ज्यादा प्रतिष्ठित व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत को आजाद करवाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इनका जन्म 28 जनवरी 1865 में भारत के जैन धर्म के अग्रवंश मे जन्मे एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तीन प्रमुख नायकों लाल-पाल-बाल में से एक थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है।
लाला लाजपत राय ने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी। सन् 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये थे।
लाला लाजपत राय जी का प्रारंभिक जीवन - Lala Lajpat Rai Ji Biography History in Hindi
लाला लाजपत राय का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम लाला राधाकृष्ण था, जो कि अग्रवाल (वैश्य) यानि की बनिया समुदाय से संबंधित थे और वे एक अच्छे अध्यापक भी थे। उन्हें उर्दू और फ़ारसी की अच्छी जानकारी थी।
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पूरा नाम (Name) |
श्री लाला लाजपत राधाकृष्ण राय |
जन्म (BirthDay) |
28 जनवरी 1865 |
जन्म स्थान (Birthplace) |
धुड़ीके गाँव, पंजाब, बर्तानवी भारत |
पिता (Father) |
श्री राधाकृष्ण जी |
माता (Mother) |
श्रीमती गुलाब देवी जी |
शिक्षा (Education) |
1880 में कलकत्ता और पंजाब विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण, 1886 में कानून की उपाधि ली |
संगठन |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, आर्य समाज, हिन्दू महासभा |
आन्दोलन |
भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन |
स्थापित विद्यालय |
1883 में अपने भाईयों और मित्रों के साथ डी.ए.वी.(दयानन्द अंग्लों विद्यालय) की स्थापना, पंजाब नेशनल कॉलेज लाहौर की स्थापना |
मृत्यु (Death) |
17 नवम्बर 1928 |
मृत्यु स्थान (Deathplace) |
लाहौर (पाकिस्तान) |
उपाधियाँ (Awards) |
शेर-ए-पंजाब, पंजाब केसरी |
रचनाएँ |
पंजाब केसरी’, ‘यंग इंण्डिया’, ‘भारत का इंग्लैंड पर ऋण’, ‘भारत के लिए ‘तरुण भारत’। |
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उनकी माता का नाम गुलाब देवी था, उनकी माता साधारण और धार्मिक महिला थी, इसी वजह से बच्चों में भी धर्म-कर्म की भावना को प्रेरित किया था, वास्तव में उनके पारिवारिक परिवेश ने ही उन्हें देशभक्ति का काम करने की प्रेरणा दी थी।
लालाजी ने हिन्दी में शिवाजी, श्रीकृष्ण और कई महापुरुषों की जीवनियाँ लिखीं। उन्होने देश में और विशेषतः पंजाब में हिन्दी के प्रचार-प्रसार में बहुत सहयोग दिया। देश में हिन्दी लागू करने के लिये उन्होने हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था।
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लालाजी की मौत का बदला - Revenge of Lalaji's Death In Hindi
लाला जी की मृत्यु से सारा देश उत्तेजित हो उठा और चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व अन्य क्रांतिकारियों ने लालाजी पर जानलेवा लाठीचार्ज का बदला लेने का निर्णय किया। देशभक्तों ने अपने प्रिय नेता की हत्या के ठीक एक महीने बाद अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर ली और 17 दिसम्बर 1928 को ब्रिटिश पुलिस के अफ़सर सांडर्स को गोली से उड़ा दिया। लालाजी की मौत के बदले सांडर्स की हत्या के मामले में ही राजगुरु, सुखदेव और भगतसिंह को फाँसी की सजा सुनाई गई।
लाला लाजपत राय लिखित मुख्य किताबें – Lala Lajpat Rai Books
महान स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय एक महान विचारक होने के साथ-साथ एक महान लेखक भी थे। इन्होंने अपने कार्यों और विचारों के साथ ही अपने लेखन कार्यों से भी लोगों का मार्गदर्शन किया। इनकी कुछ पुस्तक निम्न है-
- हिस्ट्री ऑफ़ आर्य समाज
- इंग्लैंड’ज डेब्ट टू इंडिया:इंडिया
- दी प्रॉब्लम ऑफ़ नेशनल एजुकेशन इन इंडिया
- स्वराज एंड सोशल चेंज,दी युनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका:अ हिन्दू’स इम्प्रैशन एंड स्टडी”
- मेजिनी का चरित्र चित्रण
- गेरिबाल्डी का चरित्र चित्रण
- शिवाजी का चरित्र चित्रण
- दयानन्द सरस्वती
- युगपुरुष भगवान श्रीकृष्ण
- मेरी निर्वासन कथा
- रोमांचक ब्रह्मा
- भगवद् गीता का संदेश